Kisi hathiyar se bhi khatarnak he aapka smat fon -किसी हथियार से भी खतरनाक है आपका स्मार्टफोन-यह जानना बहुत जरूरी है आपके लिए-और आपके भविष्य के लिए-
किसी हथियार भी खतरनाक है आपका स्मार्टफोन यह जानना बहुत जरूरी है आपके लिए और आपके भविष्य के लिए
जेब में फोन नहीं जासूस लेकर घूमते हैं आप, किसी हथियार से भी खतरनाक है स्मार्टफोन
24 घंटे जासूसी करता है आपका फोन - फोटो : naice kookig tips niyuj letars apdet 10 januvari2020
अधिकांश लोगों के लिए उनका स्मार्टफोन दुनिया देखने की एक खिड़की जैसा है लेकिन क्या हो, अगर ये खिड़की आपकी निजी जिदगी में झांकने का जरिया बन जाए। क्या आपने कभी इस तथ्य पर मनन किया है कि आपकी जेब में ही आपका जासूसी करने वाला मौजूद है? फर्ज करिए, अगर हैकर दूर से ही आपके फोन में स्पाईवेयर इंस्टाल कर दें, जिसके सहारे आपकी सारी निजी सूचनाओं तक उनकी पहुंच हो जाए, यहां तक कि कूट भाषा में बंद संदेशों तक और यही नहीं अगर ये स्पाईवेयर आपके फोन के कैमरे और माइक्रोफोन तक को नियंत्रित करने की सुविधा हैकर को दे दे, तो इसका नतीजा क्या होगा?
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Smartphone Suvillance - फोटो : सांकेतिक
जितना असंभव ये लगता है, उतना है नहीं और हमने कुछ ऐसे साक्ष्यों की जांच पड़ताल की है जिसमें पूरी दुनिया भर में पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और वकीलों के कामों की जासूसी करने के लिए ऐसे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन सवाल उठता है कि ये कौन कर रहा है और क्यों? और अपने जेब में मौजूद इन खुफिया सॉफ्टवेयर से बचने के लिए क्या किया जा सकता है?
सैन फ्रैंसिस्को के लुकआउट में माइक मरे एक सिक्युरिटी एक्सपर्ट हैं। ये कंपनी सरकारों, उद्योगों और उपभोक्ताओं को उनके फोन में डेटा सुरक्षित करने को लेकर सलाह देती है वो बताते हैं कि अभी तक विकसित जासूसी के अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर कैसे काम करते हैं और ये सॉफ्टवेयर इतने ताकतवर हैं कि इन्हें एक हथियार के रूप में क्लासीफाइड किया गया है और उन्हें कड़ी शर्तों पर ही बेचा जा सकता है। माइक कहते हैं, "ऑपरेटर आपके जीपीएस के सहारे आपको ट्रैक कर सकता है।"
प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो :
वो बताते हैं, "वे कभी और कहीं भी आपके कैमरे को ऑन कर सकते हैं और आपके चारो ओर जो घटित हो रहा है उसे रिकॉर्ड कर सकते हैं। आपके पास सोशल मीडिया के जितने ऐप हैं उनके अंदर तक पहुंच बना लेते हैं। इसके मार्फत वे आपकी सारी तस्वीरें, सारे संपर्क, आपके कैलेंडर की सूचनाएं, आपके इमेल की सूचनाओं और आपके हर दस्तावेज तक उनकी पहुंच है।" Kisi hathiyar se bhi khatarnak he aapka smat fon -किसी हथियार से भी खतरनाक है आपका स्मार्टफोन-यह जानना बहुत जरूरी है आपके लिए-और आपके भविष्य के लिए-
"ये सॉफ्टवेयर आपके फोन को लिसनिंग डिवाइस में बदल देते हैं जो आपको ट्रैक करता है और जो कुछ भी इसमें होता है, वो चुरा लेता है।" स्पाईवेयर सालों से बनते रहे हैं, लेकिन इन नए स्पाईवेयर से हमारे सामने एक पूरी नई दुनिया का रहस्य खुलता है। यात्रा के दौरान ये सॉफ्टवेयर डेटा नहीं पकड़ता, लेकिन जब ये स्थिर होता है, आपके फ़ोन के सारे फंक्शन पर उसका नियंत्रण हो जाता है और टेक्नोलॉजी इतनी अत्याधुनिक है कि इसे पकड़ पाना लगभग नामुमकिन है।
El Chapo - फोटो : File Photo विरोध प्रदर्शन के बावजूद भी सी ए ए लागू पड़े खास न्यूज़
मैक्सिको का ड्रग माफिया एल चैपो का साम्राज्य अरबों खरबों का था। जेल से भागने के बाद वो छह महीने तक फरार रहा। इस दौरान उसके विशाल नेटवर्क में सुरक्षा और पनाह मिलती रही। एहतियात के तौर पर वो कूट भाषा वाले फोन ही इस्तेमाल करता था, जिसे हैक करना असंभव माना जाता है। लेकिन ये दावा किया जाता है कि मैक्सिको के अधिकारियों ने एक नया जासूसी सॉफ्टवेयर खरीदा और एल चैपो के करीबियों के फोन में उसे इंस्टॉल कर दिया, जिसके सहारे वे उसके छिपने की जगह तक पहुंचने में कामयाब हो गए। एल चैपो की गिरफ्तारी दिखाती है कि इस तरह के सॉफ्टवेयर, चरमपंथियों और संगठित अपराध के खिलाफ लड़ाई में कीमती हथियार साबित हो सकते हैं।
whatsapp pegasus attack - : citizenlab
मई 2019 में व्हाट्सऐप मैसेंजर की सुरक्षा में एक बहुत बड़ी सेंध लगी थी। ये एप फोन के सॉफ़्टवेयर में घुसपैठ का ज़रिया बन गया। एक बार ओपन होते ही हैकर अपना स्पाईवेयर फोन में डाउनलोड CAA विरोध पर सुप्रीम कोर्ट सिंचित कर सकता था। यहां तक कि उपभोक्ता को क्लिक करने की भी जरूरत नहीं थी। एक कॉल के बाद फोन में सेंध लग जाती और वो हैंग हो जाता। इसे जीरो क्लिक टेक्नोलॉजी कहते हैं। इसके बाद व्हाट्सएप ने अपने डेढ़ अरब उपभोक्ताओं के लिए सुरक्षा अपडेट जारी किए।
Naice kookig tips
इस तरह के स्पाईवेयर बनाने वाले डेवलपर्स के लिए खास एस्पोर्ट लाइसेंस की जरूरत होती है, जैसे डिफेंस के अन्य मामलों में होता है। इसका एकमात्र मकसद होता है गंभीर अपराधियों को पकड़ना। लेकिन सिटिजन लैब ने एक पूरी सूची तैयार की है जिसमें दर्ज है कि किस सरकार ने इसका कब कब गलत इस्तेमाल किया। हथियारों की तरह ही सॉफ़्टवेयर बेचने के बाद भी इसके रख रखाव की जिम्मेदारी डेवलपर्स की होती है, इसलिए उन्हें भी जिम्मेदार ठहराए जाने की संभावना बनती है। डिजिटल जासूसी के मामले में इसराइली कंपनी एएसओ ग्रुप अग्रणी रही है।खास अपडेट के लिए क्लिक करें और राजस्थानी फूड
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