ओम मंत्र कितनी शक्तिशाली होता है, ओम मंत्र का ज्ञान,


  1. मंत्रविज्ञान में थोड़ा सा ही प्रवेश पाकर विदेशी लोग दंग रह गये हैं। मंत्रों में गुप्त अर्थ और उनकी शक्ति होती है। एक छोटे से सिम से जुड़कर विदेश में आराम से बात कर सकते है। जब फोन के बटन दबाते हो तो वह कृत्रिम उपग्रह से जुड़कर अमेरिका में घंटी बजा देता है, यंत्र में इतनी शक्ति है तो मंत्र में तो इससे कई गुना ज्यादा शक्ति है। क्योंकि यंत्र तो मानव के मन ने बनाया है, जबकि मंत्र की रचना किसी ऋषि ने भी नहीं की है। मंत्र तो ऋषियों से भी पहले के हैं। उन्होंने मंत्र की अनुभूतियाँ की हैं। 
  1. हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार पृथ्वी, की उत्पत्ति के समय पैदा हुई सबसे पहली ध्वनि थी ʹૐʹ थी, जिसने आकाश, धरती, पाताल समेत समस्त जगत को गुंजायमान कर दिया था। इस पवित्र ध्वनि की महिमा और प्रभाव का लोहा आज पूरी दुनिया मान रही है। अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में ૐ के माध्यम से न सिर्फ शारीरिक विकार दूर किये जा रहे हैं बल्कि नशे के गर्त में डूब रहे युवाओं को सही राह पर लाने में भी इस पवित्र ध्वनि का प्रयोग किया जा रहा है। 
  2. सबसे पवित्र हिंदू ज्ञान,
  3. डॉ. लिवर लिजेरिया व दूसरे चिकित्सक कहते हैं कि ह्रीं, हरि, ॐ आदि मंत्रों के उच्चारण से शरीर के विभिन्न भागों पर भिन्न-भिन्न असर पड़ता है। डॉ. लिवर लिजेरिया ने तो 17 वर्षों के अनुभव के पश्चात् यह खोजा कि 'हरि' के साथ अगर 'ॐ' शब्द को मिलाकर उच्चारण किया जाये तो पाँचों ज्ञानेन्द्रियों पर उसका अच्छा प्रभाव पड़ता है वह निःसंतान व्यक्ति को मंत्र के बल से संतान प्राप्त हो सकती है जबकि हमारे भारत के ऋषि-मुनियों ने इससे भी अधिक जानकारी हजारों-लाखों वर्ष पहले शास्त्रों में वर्णित कर दी थी। हजारों वर्ष पूर्व हमारे साधु-संत जो आसानी से कर सकते थे उस बात पर विज्ञान अभी कुछ-कुछ खोज रहा है। 
  4.  ओल वाल्ड
  5. ब्रिटेन के एक साइंस जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से ૐ की महत्ता स्वीकार की गयी है। 
  6.  हिंदी ज्ञान.
  7. चिकित्सा वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कुछ आंतरिक बीमारियाँ जिनका इलाज आज तक मेडीकल साइंस में उपलब्ध नहीं है, उनमें केवल ૐ मंत्र के नियमित जप से आश्चर्यजनक रूप से कमी देखी गयी है। खासकर पेट, मस्तिष्क और हृदय सम्बन्धी बीमारियों में ૐ का जप रामबाण औषधि की तरह काम करता है। 
  8. गाय का गोबर से कमाई ,
  9. ʹरिसर्च एंड एक्सपेरिमेंट इंस्टिट्यूट ऑफ न्यूरोसाइंसʹ के प्रमुख प्रो. जे. मार्गन और उनके सहयोगियों द्वारा सात साल से हिन्दू धर्म के प्रतीक चिह्न "ૐ" के प्रभावों का अध्ययन किया जा रहा था। इस दौरान उन्होंने मस्तिष्क और हृदय की विभिन्न बीमारियों से पीड़ित 2500 पुरुषों तथा 2000 महिलाओं को परीक्षण के दायरे में लिया। इन सारे मरीजों को केवल वे ही दवाइयाँ दी गयीं, जो उनके जीवन को बचाने के लिए जरूरी थीं, बाकी सारी दवाइयाँ बन्द कर दी गयीं। प्रतिदिन सुबह 6 बजे से 7 बजे तक एक घंटा इन लोगों को साफ-स्वच्छ खुले वातावरण में योग्य प्रशिक्षकों द्वारा ʹૐʹ मंत्र (Om Mantra) का जप करवाया गया। 

  10. इस दौरान उन्हें विभिन्न ध्वनियों और आवृत्तियों में ૐ का जप करने को कहा गया। हर तीन महीने बाद मस्तिष्क, हृदय के अलावा पूरे शरीर का स्कैनिंग किया गया। चार साल तक लगातार ऐसा करने के बाद जो रिपोर्ट आयी वह चौंकाने वाली थी। 

  11. लगभग 70 फीसदी पुरुष और 82 फीसदी महिलाओं में ૐ का जप शुरु करने से पहले बीमारियों की जो स्थिति थी, उसमें 90 प्रतिशत तक कमी दर्ज की गयी। इसके अलावा एक और महत्त्वपूर्ण प्रभाव सामने आया, वह है नशे से मुक्ति का। नशे के आदी हो चुके लोगों ने भी ૐ के जप से नशे की लत को दूर किया। 
  12. ॐ का अर्थ

  13. प्रो. मार्गन का सुझाव था कि स्वस्थ व्यक्ति प्रतिदिन ૐ का जप करके उम्र भर बीमारियों को दूर रख सकता है। प्रो. मार्गन कहते हैं कि विभिन्न आवृत्तियों और ध्वनियों के उतार-चढ़ाव से पैदा करने वाले कम्पन मृत कोशिकाओं को पुनर्जीवित करते हैं और नयी कोशिकाओं का निर्माण करते हैं। ૐ के जप से मस्तिष्क से लेकर नाक, गला, हृदय और पेट में तीव्र तरंगों का संचार होता है। इस कारण पूरे शरीर में रक्त का संचरण भी सुव्यवस्थित होता है। अधिकांश बीमारियाँ रक्तदोष से पैदा होती है, इसलिए ૐ का जप रक्तविकार दूर करके शरीर में स्फूर्ति बनाये रखता है। 
  14. ओम मंत्र की शक्ति क्या होती है,
  15. प्रो. जे. मार्गन और उनके सहयोगियों द्वारा किये गये इस अनुसंधान से विश्व के लोगों का ध्यान इस तथ्य की ओर आकृष्ट हो रहा है। हजारों वर्ष पूर्व से हमारे शास्त्रों में ૐ के विषय में विलक्षण जानकारियाँ उपलब्ध हैं। 
  16. ओम मंत्र का ज्ञान,
  17. ॐ मंत्र के लगातार जप करने से शरीर और मन को एकाग्र करने में मदद मिलती है। दिल की धड़कन और रक्तसंचार व्यवस्थित होता है। इससे शारीरिक रोग के साथ ही मानसिक बीमारियां दूर होती हैं। काम करने की शक्ति बढ़ जाती है। इसका उच्चारण करन चाहिए और बलपूर्वक इसका लाभ उठाना चाहिए हर हिंदुस्तानी और हर प्राणी को इसका लाभ लेना बहुत ही अच्छा होता है फ्रेंड साहब को यह जानकारी और यह कैसा लगा मेरा ब्लॉक आप मुझे अपनी राय जरूर दें थैंक यू वेरी मच और ज्यादा से ज्यादा इसको शेयर करें ताकि हर प्राणी ताकि जाए वह सब को इसके बारे में पता हो थैंक यू सो मच और अपनी कोई राय हो तो आप मुझे कमेंट करके बता सकते हैं
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