CAA के खिलाफ प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट चिंतित, CJI बोबडे बोले- देश कठिन समय से गुजर रहा है

CAA के खिलाफ प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट चिंतित, CJI बोबडे बोले- देश कठिन समय से गुजर रहा है
देश Reported by Ashish Bhargava, Edited by Sachin Jha Sekhar
नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की है. सीजेआई CJI एस ए बोबडे ने कहा कि देश कठिन समय से गुजर रहा है.
Updated : January 09, 2020 14:51 IST
खास बातें
CAA के खिलाफ प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट चिंतित
CJI बोबडे बोले- देश कठिन समय से गुजर रहा है
शांति के लिए प्रयास होना चाहिए- CJI
नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की है. सीजेआई CJI एस ए बोबडे ने कहा कि देश कठिन समय से गुजर रहा है. शांति के लिए प्रयास होना चाहिए. सीजेआई ने कहा कि इस तरह की याचिकाएं मदद नहीं करती. जब हिंसा रुकेगी हम संवैधानिकता पर सुनवाई करेंगे. दरअसल पुनीत कौर ढांडा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करके उस पर जल्द सुनवाई की मांग की थी. याचिका में कहा गया है कि 'झूठी अफवाहें' फैलाने वाले एक्टिविस्ट, छात्रों, मीडिया हाउसों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. और CAA को 'संवैधानिक' घोषित करने की मांग की गई है.
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साथ ही CJI बोबडे ने कहा कि हम कैसे घोषित कर सकते हैं कि संसद द्वारा पारित एक अधिनियम संवैधानिक है? हमेशा संवैधानिकता का ही अनुमान लगाया जाता है. यदि आप किसी समय कानून के छात्र रहे तो आपको पता होना चाहिए
CAA के खिलाफ प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट चिंतित, CJI बोबडे बोले- देश कठिन समय से गुजर रहा है
गौरतलब है कि देश के कई हिस्सों में नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. गुरुवार को सीएए-एनआरसी के विरोध में भाजपा के पूर्व नेता यशवंत सिन्हा के नेतृत्व वाले गैर-राजनीतिक संगठन ‘राष्ट्र मंच' ने मुंबई से दिल्ली तक ‘गांधी शांति यात्रा' शुरुआत की. यात्रा के गुजरात से गुजरने के दौरान विभिन्न विपक्षी दलों के नेता शामिल हो सकते है. मुंबई के अपोलो बन्दर से नौ जनवरी को शुरू हुई 3,000 किलोमीटर लंबी यह यात्रा महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा से होकर 30 जनवरी को दिल्ली के राजघाट पर समाप्त होगी.
सिन्हा ने मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वह संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) को रद्द करने और जेएनयू की तरह ‘‘राज्य-प्रायोजित हिंसा'' के मामलों की उच्चतम न्यायालय के एक वर्तमान न्यायाधीश द्वारा न्यायिक जांच की मांग के लिए यात्रा शुरु कर रहे हैं.
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