निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी होने वाली फांसी पर रोक पढ़े न्यू अपडेट्स/ nirbhaya ke doshiyo ki fashi pr rok/how to nirbhiya kes/निर्भया कांड की न्यूज़

निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी होने वाली फांसी पर रोक पढ़े न्यू अपडेट्स/ nirbhaya ke doshiyo ki fashi pr rok

निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी होने वाली फांसी पर रोक पढ़े न्यू अपडेट्स/ nirbhaya ke doshiyo ki fashi pr rok

निर्भया केस: दोषी मुकेश की याचिका पर कोर्ट ने कहा- 22 जनवरी को फांसी नहीं हो सकती
प्राची नाइस कुकिंग डॉट ब्लॉग पोस्ट डॉट कॉम पर | Updated: 16 Jan 2020, 03:55:00 PM
मुकेश ने अपनी याचिका में कहा कि उसकी दया याचिका दिल्ली के उपराज्यपाल और देश के राष्ट्रपति के पास लंबित है। ऐसे में 22 जनवरी को फांसी देने के लिए जारी डेथ वॉरंट रद्द किया जाए।
हाइलाइट्स:

निर्भया के दोषियों को अब 22 जनवरी को नहीं दी जाएगी फांसी, दया याचिका लंबित होना है वजह
पटियाला हाउस कोर्ट ने गुरुवार को डेथ वॉरंट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया

कोर्ट ने साथ में यह भी कहा कि दया याचिका लंबित होने की वजह से डेथ वॉरंट पर खुद ही रोक लग जाएगी
नई तारीख जेल अथॉरिटीज के जवाब से तय होगा, जेल प्रशासन को शुक्रवार दोपहर साढ़े 3 बजे तक देनी है स्टेटस रिपोर्ट
वक़्त नहीं है? 
पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया केस के दोषी मुकेश सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि 22 जनवरी को फांसी नहीं हो सकती है। कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की दलील मानते हुए कहा कि दोषियों को 22 जनवरी को फांसी नहीं दी जा सकती क्योंकि उनकी दया याचिका लंबित है। कोर्ट ने कहा कि दया याचिका लंबित होने के कारण डेथ वॉरंट पर स्वतः ही रोक लग गई है। कोर्ट ने कहा कि नई तारीख क्या होगी, जेल अथॉरिटीज के जवाब से तय होगा। जेल प्रशासन को शुक्रवार दोपहर साढ़े 3 बजे तक स्टेटस रिपोर्ट देनी है। पटिलाया हाउस कोर्ट ने ही 7 जनवरी को दोषियों के लिए डेथ वॉरंट जारी किया था।
किसकी क्या दलील
दोषी मुकेश की तरफ से वकील वृंदा ग्रोवर- दया याचिका दायर की गई है जिस पर अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है। उनकी क्यूरेटिव पिटिशन खारिज नहीं हुई। पिटिशन तो देरी होने के कारण खारिज हुई है। दस्तावेजों पर पांच जजों की बेंच ने विचार किया। मुकेश फांसी की सजा प्राप्त दोषी है। वह अदालती प्रक्रिया से खिलवाड़ नहीं कर सकता है।
सरकारी वकील- कोर्ट को इस याचिका पर सुनवाई का अधिकार ही नहीं है।
ग्रोवर- मैं मानती हूं कि खीझ, दुख और चिंता का माहौल है और मैं सबका सम्मान करती हूं, लेकिन वकील होने के नाते कोर्ट को कानून से अवगत करवाना मेरा दायित्व है। भावनाएं देश के कानून को दबाने शक्ति
जज- आप जो भी कह रही हैं, उसका संदर्भ याचिका फाइल करने में देरी को लेकर है...
ग्रोवर- 22 तारीख को फांसी नहीं दी जा सकती क्योंकि मुकेश की दया याचिका अभी लंबित है। भारत कानून का सम्मान करने के लिए जाना जाता है और कानून का सम्मान करना ही चाहिए। जब तक दया याचिका पर फैसला नहीं हो जाता तब तक के लिए डेथ वॉरंट को रद्द किया जाए।
Naice kookig par
ग्रोवर- जेल अधिकारियों ने मुकेश से संबंधित दस्तावेज देने में देरी की, इसलिए याचिका दाखिल करने में देरी हुई।
जब अभियोजन पक्ष ने डेथ वॉरंट कैंसल करने के कोर्ट के अधिकार पर सवाल उठाया तो जज ने कहा कि दोषियों को इस कोर्ट में भेजते वक्त हाई कोर्ट को सभी नियमों का ध्यान रहा होगा।
जज- अभी तथ्य यही है कि दोषी की दया याचिका लंबित है।
अभियोजन पक्ष ने कहा कि उन्होंने सरकार से चिट्ठी लिखकर पूछा है कि क्या फांसी की सजा अभी स्थगित की जाएगी? सरकार ने इसका जवाब देने के लिए वक्त मांगा है।
जज: कुछ हद तक 22 को फांसी संभव न हो, पर सवाल यह है कि ऐसा कब तक लिए होगा?
अभियोजन: हम जेल अथॉरिटीज से कहेंगे कि वह इस अदालत को रिपोर्ट दायर कर बताए कि उन्होंने सरकार को लेटर लिखकर पूछा है क्या फांसी की तारीख आगे बढ़ा दी जाए।
निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी होने वाली फांसी पर रोक पढ़े न्यू अपडेट्स/ nirbhaya ke doshiyo ki fashi pr rok

पढ़ें: क्यूरेटिव पिटिशन खारिज होने पर पिता के सामने रो पड़ा विनय
हाई कोर्ट ने दिया था निर्देश
निर्भया के चार दोषियों में एक मुकेश ने कोर्ट से डेथ वॉरंट कैंसल करने की अपील की थी। उसने बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट से यही गुहार लगाई थी, लेकिन हाई कोर्ट ने उसकी अर्जी स्वीकार नहीं की और निचली अदालत ही जाने का निर्देश दिया था। मुकेश की अपील पर पटिलाया हाउस कोर्ट ने दिल्ली सरकार और निर्भया के माता-पिता की राय मांगी थी।
जेल नियमों का हवाला
मुकेश ने अपनी याचिका में कहा कि उसकी दया याचिका दिल्ली के उपराज्यपाल और देश के राष्ट्रपति के पास लंबित है। ऐसे में 22 जनवरी को फांसी देने के लिए जारी डेथ वॉरंट रद्द किया जाए। हाई कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा कि चारों दोषियों को 22 जनवरी को फांसी पर नहीं चढ़ाया जा सकता है क्योकि जेल नियमों के तहत किसी एक मामले में एक से ज्यादा दोषियों को मौत की सजा दी गई हो तो जब तक एक भी दोषी की दया याचिका लंबित हो तो उसकी याचिका पर फैसला आने तक किसी भी दोषी को फांसी पर नहीं लटकाया जा सकता है।
इसे भी पढ़ें: निर्भया: फांसी का डर, मां से मिलकर रोने लगा दोषी
बीजेपी का आरोप
इस बीच केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने निर्भया के दोषियों को फांसी दिए जाने में देरी का जिम्मेदार दिल्ली सरकार को ठहराया है। उन्होंने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल किया कि केजरीवाल सरकार ने पिछले ढाई साल से दया याचिका के लिए दोषियों को नोटिस क्यों नहीं दिया? उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार निर्भया को न्याय मिलने गयामें देरी की जिम्मेदार है, वरना दोषी बहुत पहले फांसी पर चढ़ चुके होते।
निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी होने वाली फांसी पर रोक पढ़े न्यू अपडेट्स/ nirbhaya ke doshiyo ki fashi pr rok
निर्भया: 'केजरी सरकार के कारण लटकी फांसी'
7 जनवरी को जारी हुआ था डेथ वॉरंट
गौरतलब है कि पटिलाया हाउस को जन्मर्ट ने 7 जनवरी को निर्भया केस के चारों दोषियों मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, अक्षय ठाकुर और विनय शर्मा के खिलाफ डेथ वॉरंट जारी किया था। इसके मुताबिक, चारों को फांसी पर चढ़ाने की तारीख 22 जनवरी तय की गई। निर्भया केस में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सभी छह में से उपर्युक्त चार दोषियों दोषियों को सजा सुनाई थी। मामले के एक दोषी रामसिंह ने जेल में फांसी लगा ली थी। एक को नाबालिग होने का फायदा मिल गया था। बाद में हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने इन चारों  दोषियों के लिए फांसी की सजा बरकरार रखी थी पढ़े लेटेस्ट न्यूज़

Comments

Popular posts from this blog

ओम मंत्र कितनी शक्तिशाली होता है, ओम मंत्र का ज्ञान,

क्रांतिकारी तकनीक क्या होती है kranti kari tknik kya hoti he

क्या है कार्तिक पूर्णिमा का महत्व क्यों करते हैं गंगा स्नान kartik purnima ka puny kya he