पाकिस्तान की उल्टी गिनती शुरू , ब्लैक लिस्ट से नहीं निकाल पाएंगे मल्येसिया, तुर्की
पाकिस्तान की उल्टी गिनती शुरू , ब्लैक लिस्ट से नहीं निकाल पाएंगे मल्येसिया, तुर्की
पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट करने की उल्टी गिनती शुरू, ग्रे लिस्ट से नहीं निकाल पाएंगे मलयेशिया, तुर्की?
Naicekooking pr, Updated: 18 Feb 2020, 11:25:00 PM
पैरिस में FATF की बैठक शुरू होने में 24 घंटों से भी कम समय बचा है। पाकिस्तान पर ब्लैकलिस्ट होने की तलवार लटक रही है। हाफिज मोहम्मद सईद की सजा के बाद इमरान खान को उम्मीद है कि उनके देश को राहत मिलेगी।
पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से नहीं निकाल पाएंगे तुर्की, मलयेशिया?
हाइलाइट्स:
अमेरिकी थिंकटैंक के मुताबिक पाकिस्तान अगर ब्लैकलिस्ट न भी हुआ तो ग्रे लिस्ट से बाहर निकलना मुश्किल है
पाकिस्तान के ब्लैकलिस्ट होने पर उसकी माली हालत चौपट हो जाएगी। उसके खिलाफ कई तरह के वित्तीय प्रतिबंध लग सकते हैं
एफएटीएफ प्लेनरी की बैठक पेरिस में हो रही है। पाकिस्तान का मित्र चीन इस बार अध्यक्षता कर रहा है
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पैरिस
आतंकवाद का पालन-पोषण करने वाले पाकिस्तान के सभी पैंतरे फेल हो गए हैं। फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) में अब तक बचते-बचाते आ रहे पाकिस्तान की उम्मीदें खत्म होती दिख रही हैं। दरअसल, सूत्रों ने बताया है कि एफएटीएफ के उपसमूह ने आतंकवाद की वित्तीय मदद रोकने में विफल रहने पर पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में बने रहने देने की सिफारिश की है। हालांकि अंतिम निर्णय शुक्रवार को होगा। पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने आतंकवाद की फंडिंग रोकने के कितने सबूत एफएटीएफ को दिए हैं, उस पर संदेह है। पाक की इकलौती उम्मीद मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज मोहम्मद सईद को हाल में दी गई 11 साल की सजा से ही है।
तुर्की, मलयेशिया भी रहे नाकाम
सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान आगे भी ग्रे लिस्ट में बना रह सकता है। पाकिस्तान के लिए यह बड़ा झटका है क्योंकि अगर एफएटीएफ पाकिस्तानी सबूतों से संतुष्ट नहीं हुआ तो उसे आखिर में ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने में तुर्की और मलयेशिया ने कोई कसर नहीं छोड़ी पर नाकाम रहे।
हालांकि पाकिस्तानी मीडिया एक अमेरिकी थिंक टैंक की रिपोर्ट पर भरोसा कर रहा है। दक्षिण एशियाई मामलों के स्कॉलर माइकल कुगलमन ने कहा है कि पाकिस्तान ग्रे लिस्ट से बाहर तो नहीं निकल सकता, हां ये हो सकता है कि उसे ब्लैकलिस्ट नहीं किया जाए। तब भी पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में बना रहेगा। फ्रांस की राजधानी पेरिस में सोमवार को एफएटीएफ की बैठक शुरू हो गई है।
बुधवार यानी 19 फरवरी से प्लेनरी की मीटिंग है जो पाकिस्तान के जवाब पर गौर करेगी। कुगलमन कहते हैं, पाकिस्तान के लिए इतनी जल्दी ग्रे लिस्ट से निकलना तो मुश्किल है। ये शायद इस साल के अंत में होने वाली बैठक में हो सकता है। हालांकि इसके लिए इमरान खान सरकार को ठोस कदम उठाने होंगे। पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी अदालत ने 13 फरवरी को हाफिज मोहम्मद सईद को पांच साल की सजा सुनाई है। इसे इमरान सरकार आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई से जोड़ कर देख रही है।
क्या हाफिज से बचेगा पाकिस्तान?
- इससे पहले एफएटीएफ ने 19 पॉइंट पाकिस्तान को दिए थे। पिछली बार इसमें से सिर्फ तीन शर्तें ही पाकिस्तान पूरी कर पाया था। हाफिज सईद की सजा के बाद अमेरिका ने कहा है कि अभी पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ और काम करने की जरूरत है। ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूट की मदीहा अफजल ने ट्वीट कर रहा है कि हाफिज पर कार्रवाई अहम है लेकिन ये देखना होगा कि पाकिस्तान सरकार उसकी अपील पर क्या कार्रवाई करती है।
FATF क्या है?
FATF पैरिस स्थित अंतर-सरकारी संस्था है। इसका काम गैर-कानून आर्थिक मदद को रोकने के लिए नियम बनाना है। इसका गठन 1989 में किया गया था। FATF की ग्रे या ब्लैक लिस्ट में डाले जाने पर देश को अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी कठिनाई आती है।
ग्रे लिस्ट में पाकिस्तान
पाकिस्तान को 2018 में ग्रे लिस्ट में डाला गया था। हालांकि इससे पहले 2012 से 2015 के बीच भी पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में था। 2016 में पाकिस्तान सरकार ने हवाला और आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ कड़े कानून बनाए थे जिसके बाद उसे सूची से बाहर कर दिया गया। एफएटीएफ की पिछली मीटिंग अक्टूबर, 2019 में हुई थी।
पाक के समर्थन में चीन, तुर्की
पाकिस्तान की उल्टी गिनती शुरू , ब्लैक लिस्ट से नहीं निकाल पाएंगे मल्येसिया, तुर्की
पाकिस्तान की उल्टी गिनती शुरू , ब्लैक लिस्ट से नहीं निकाल पाएंगे मल्येसिया, तुर्की
हाल ही में चीन एफएटीएफ का चेयरमैन बना है जो पाकिस्तान का हिमायती रहा है। हालांकि उसने भी इस्लामिक स्टेट, अल कायदा और इनसे जुड़े आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई को अहम मानक बनाया है। पिछली बैठक में चीन ने खुल कर पाकिस्तान का साथ दिया था। इस बार तुर्की भी पाकिस्तान के साथ है। हालांकि अमेरिका समेत बाकी पश्चिमी देश आतंकवाद के खिलाफ इमरान की कार्रवाई से खुश नहीं हैं।संपूर्ण जानकारी के लिए क्लिक करें
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